पारिस्थितिक कृषि पर एक पत्रिका
व्यावहारिक क्षेत्र के अनुभवों का खजाना
एकीकृत कृषि: अधिक प्राप्ति
एकीकृत कृषि प्रणाली में कृषि प्रणाली के बहुत से घटकों का जुड़ाव शामिल होता है। घटकों के बीच संसाधन प्रवाह स्थापित होते हैं। एक घटक का आउटपुट दूसरे घटक के इनपुट के तौर पर काम करता...
द्वितीयक कृषि से सशक्त होते मध्य भारत के आदिवासी
कृषि की कार्य क्षमता से सम्बन्धित द्वितीयक कृषि, किसानों की प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता और आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देती है। मूल्य संवर्धन पर ध्यान देकर ‘‘सृजन’’ ने मध्य...
भास्कर सवे: प्राकृतिक खेती के गांधी
‘‘प्राकृतिक खेती के गांधी’’ के तौर पर प्रशंसनीय स्व0 भास्कर सवे ने जैविक खेती की तीन पीढ़ियों को जैविक खेती हेतु प्रोत्साहित किया और सलाह दिया। उनकी खेती और शिक्षा देने के तरीके...
जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए उद्यम
वर्षा पर निर्भर करने वाले किसान हमेशा ही नाजुक श्रेणी में आते हैं। लेकिन संकट से एक अवसर की तरफ मुड़ने के लिए बहुत दृढ़ संकल्प व लोगों के सहयोग की आवश्यकता होती है। सेबस्टियन इसका...
भारत में पारम्परिक कृषि-पशु चारागाह प्रणाली के माध्यम से रास्ता बनाना
पशु चारागाह/चराई और कृषि के बीच अर्न्तसम्बन्धों से हरित, पयार्वरणीय दृष्टि से स्थाई एवं वैश्विक अर्थव्यवस्था को परिवर्तित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावना होती है।...
लीची प्रसंस्करण: एक आशाप्रद मूल्य संवर्धन
फलों का प्रसंस्करण अक्सर उच्च निवेश से जुड़ा होता है। यही कारण है कि छोटे किसान फलों के मूल्य संवर्धन की दिशा में अग्रसर नहीं होते हैं। अपनी सरल तकनीक और प्रारम्भिक सहयोग देकर...
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों हेतु सब्ज़ियों का जलवायु अनुकूलित बीज उत्पादन: अपना खेत, अपना बीज
पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में सब्ज़ियों की खेती करने वाले किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या समय से गुणवत्तापूर्ण बीजों की उपलब्धता है। बाजार में उपलब्ध...
बेहतर प्राप्ति के लिए मूल्य संवर्धन
छोटे और सीमान्त किसानों द्वारा अपनी खेती सम्बन्धी चुनौतियों से सफलतापूर्वक निपटने में सहयोग देने की फार्मर प्रोड्यूसर संगठनों के पास विशाल क्षमता है। मूल्य संवर्धन में इन संगठनों...
जीवाम्रुत: वास्तविक तरल सोना/स्वर्ण
पडेरू महिलाओं ने यह सिद्ध कर दिया है कि कम संसाधनों तक पहुंच होने के बावजूद, कुछ प्रारम्भिक सहयोग और प्रशिक्षण के साथ खेती की कृषि-पारिस्थितिकी पद्वतियों को अपनाना सम्भव है।...