डिजिटल तकनीक और प्राकृतिक संसाधनों से बालू में खेती संभव

डिजिटल तकनीक और प्राकृतिक संसाधनों से बालू में खेती संभव

विषेषकर नदी किनारे रहने वाले छोटी जोत के किसानों के लिए खेती करना बहुत कठिन हो जाता है, क्योंकि नदी में बाढ़ आने के कारण उसके रास्ते में आने वाले खेतों में बालू हो जाता है। ऐसी स्थिति में बिहार के बगहा क्षेत्र के किसानों ने विभिन्न मौसमी घटनाओं की पूर्व सूचना प्राप्त...
छोटे-छोटे नवाचारों ने खेती बनाई लाभप्रद

छोटे-छोटे नवाचारों ने खेती बनाई लाभप्रद

छोटी व सीमान्त जोत पर खेती करने वाली महिला किसानों ने खेती की अन्तःफसली तकनीक में छोटे-छोटे नवाचारों को अपनाकर न सिर्फ अपनी मुख्य फसल से होने वाली आय को दुगुना किया है, वरन् खेती में लगने वाली लागत में भी कमी की है। पष्चिमी चम्पारण के नौतन प्रखण्ड की किसान छठिया देवी...
भारत में कृषि पारिस्थितिकी के लिए महिलाओं की शक्ति

भारत में कृषि पारिस्थितिकी के लिए महिलाओं की शक्ति

बंगलौर, कर्नाटक के निकट स्थित प्रशिक्षण केन्द्र अमृता भूमि के समन्वयक चुक्की नंजुंदस्वामी कहते हैं, ‘‘हमें पता था कि हमारी बीजों की देशी प्रजातियों को बचाने और पारम्परिक खेती के ज्ञान को संचारित करने के लिए हमें स्थान की आवश्यकता है। यही कृषि-पारिस्थितिकी है और इससे...
अन्तःखेती तकनीक खेती में नवाचारों से आय हुई दुगुनी

अन्तःखेती तकनीक खेती में नवाचारों से आय हुई दुगुनी

जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से विशेषकर किसान वर्ग ज्यादा प्रभावित है। उनकी खेती की लागत बढ़ रही है, उत्पादन घट रहा है और नुकसान का प्रतिशत दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है, जिससे छोटे-मझोले किसानों के समक्ष खाद्य सुरक्षा एक चुनौती के रूप में उभर रही है। इस चुनौती से निपटने हेतु...
छोटे-छोटे नवाचारों ने खेती बनाई लाभप्रद

कीट नियंत्रण में नवाचार: महिला किसान समूह की उद्यमी पहल

खेती में नवाचार एक अभिनव प्रयोग है। रसायनिक कीटनाशकों एवं उर्वरकों के उपयोग को कम करते हुए मानव एवं पर्यावरण स्वास्थ्य का संरक्षण करने के साथ खेती में लागत भी कम की जा सकती है। साथ ही आय का स्रोत भी बढ़ाया जा सकता है। इसे पचगांवा स्थित स्वयं सहायता समूह ने सिद्ध किया...

मटका खाद ने दिखाया खुशहाली का रास्ता

बाढ़ प्रवण इलाका एवं मौसम की अनिश्चितता दोनों ही वहां रहने वाले किसानों के लिए चुनौती भरे होते हैं। बाढ़ प्रवण इलाके में लोग खरीफ की खेती करते ही नहीं अथवा करते हैं तो भगवान भरोसे। ऐसी स्थिति में अन्य ऋतुओं में खेती को लाभप्रद बनाना अधिक उपयोगी होता है। इसे ग्राम बचनाहा...